हौज़ा न्यूज़ एजेंसी, पत्नी और बच्चों से झूठ बोलने से संबंधित पूछे गए सवाल का मराज ए तकलीद ने जवाब दिया है। जो लोग शरई मसाइल मे दिल चस्पी रखते है हम उनके लिए पूछे गए सवाल और उसके जवाब का पाठ बयान कर रहे है।
सवालः पत्नी और बच्चों से झूठ बोलने का क्या हुक्म है?
आयत-ए-आज़म इमाम ख़ुमैनी, ख़ामेनई, फ़ाज़िल वा मकरिम:
जरूरी और अनिवार्य होने पर ही बोलने में कोई हर्ज नहीं है।
आयतुल्लाह बहजत और तबरेज़ी:
किसी भी परिस्थिति में और किसी के भी द्वारा, चाहे वह बच्चा हो या पत्नी या कोई भी व्यक्ति, झूठ बोलना हराम और पाप है।
आयतुल्लाह वहीद और सिस्तानी:
एहतियात ए वाजिब की बिना पर झूठ न बोलना ही बेहतर है।
नोट: एहतियाते वाजिब है, अर्थात यदि इस मामले में आपके मरजाअ के बाद कोई दूसरा मरजाअ है, तो आप उनके फतवे का पालन कर सकते हैं।
स्रोत: इमाम खुमैनी, इस्तिफतात, भाग 2, पेज 617; सिस्तानी, इस्तिफतात साइट: http://www.sistani.org/persian/qa/0903; मकारिम, साइट: http://makarem.ir/Question/ViewQuestion.aspx?lid=0&mid=236&CatID=-2&GID=-2